एक छोटा सवाल

जो तुजे छोटा और मुजे बडा कहता है
उसकी सफलता की यश गाथा में
तेरा एक ज़िक्र तक नही आता
इसके ऐसे अमानवीय बर्ताव से
तुजे थोड़ा भी गुस्सा नही आता,,
सभी शिकायतों को जमीने हस के सहा
और फिर धीरे से मुस्कुराते हुए कहा
की जो चीज मिलती आदमी को
बिल्कुल आसानी और सरलता से
वो उसकी कदर करना नही जानता
भले ही वो चीज कितनी भी अमूल्य हो
वो उसकी थोड़ी सी भी कीमत नही मानता
रास्ते मे जब मिलती है ठोकरे उसको तब
जमीन आसमान का फर्क मालूम पड़ता है
और हा, एक माँ को भला गुस्सा कैसे आयेगा
आखिर बच्चा शैतानिया करके तो आगे बढ़ता है ।

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