सापुतारा वाला सनराइज

एक खूबसूरत दिन 
जिसका सवेरा हुआ कुदरत की बाहों में,
कपकपाती हुई ठंडी को साथ लेकर 
नीकले थे पहाड़ो की राहों में।

टेढ़े मेढ़े रस्ते, ऊंचाई वाला डर
पीछे से आई आवाज, में तो गिर गई सर।

फिर भी हौसला ना किसीका टूटा है
सही सलामत है सब की हड्डियां,
एक बार शिखर सर कर लिया
फिर तो सब कुछ है बढ़िया।

बच-बचाये एक दूसरे को
आखिर ऊपर तो आ गये,
चारोतरफ सिर्फ अंधेरा ही छाया है
लगता है थोड़ा जल्दी ही आ गये।

आधे घंटे तक सब्र कर लिया
उम्मीद का एक बड़ा घूंट भर लिया।

एक पहाड़ के पीछे से
धीरे धीरे हुआ थोड़ा उजाला,
सबने जेब मे हाथ डाला और नीकाला
केमेरा 64 मेगापिक्सेल वाला।

सूरज का वो इतना अदभुत नजारा
आसमा का रंग रंगीन हुआ सारा।

पहाड़ की टोच पर नीकला सूरज
कुछ ऐसा दिख रहा था,
जैसे की नजर उतारने वाला
माँ का टीका लग रहा था।

देखते ही देखते सवेरा हो गया
बच्चा था जो सूरज अब बड़ा हो गया।

कोई हथैली में सूरज पकड़े खड़ा है
कोई मारुति बनके खाने जा रहा है
कही स्लोमोशन में रील बन रही है
तो कही बूमरैंग के साथ बूम बूम।

बस एक लास्ट, बस एक लास्ट
करते करते झुंड चला वापस हमारा,
सेल्फी, अतरंगी पोज़ और केन्डीड से
भर गया है  फोन का स्टोरेज सारा।

बस ऐसे ही खुशिया ढूंढने फिर आएंगे और
सूरज की खूबसूरती में चार चांद लगाएंगे।

Comments

  1. The way you manage to assemble all our emotions and experiences into words is just so magical. Loved it❤

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    1. Thanks for your kind words . M very pleased 🤗

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  2. Wah kya bat..!!
    Shabdo ko bahut achhe se parosha hai..!

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  3. Creative work...nice bro..keep it up best writing

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  4. Gajab Gajab, e vyaktine pan smile karai de jene a scenario experience na karyo hoy because the portraying is amazing, badha emotions, real life situation with masti jhalke che a poem ma. Just Superbbbb.

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  5. Its Amazing really awasome writing....

    Dil chu liya apne sir👌👌❤

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    1. Isse achcha kya ho sakta hai. Thanks bhai 🤗

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